एक्सक्लूसिव: ऐड के लिए अखबारों, न्यूज चैनल को सरकार से कितना पैसा मिला? पढ़ें

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एक्सक्लूसिव: ऐड के लिए अखबारों, न्यूज चैनल को सरकार से कितना पैसा मिला? पढ़ें

क्या आपको मालूम है कि प्रदेश के बड़े अखबारों और प्रमुख टेलीविजन न्यूज चैनलों को सरकार यानी जनता के खजाने से हर साल कितनी कमाई होती है। हम आपको बताते हैं कि इन न्यूज पेपर और चैनलों को सरकार से संबंधित खबरें और विज्ञापन छापने और दिखाने के लिए सरकार से कितनी राशि मिलती है। सबसे पहले नजर डालते हैं, उस अखबार की कमाई पर जो अपने आपको देश का सबसे बड़ा और सबसे विश्वसनीय अखबार कहता है यानी दैनिक भास्कर। इस न्यूज पेपर को प्रदेश से प्रकाशित होने वाले सभी प्रमुख अखबारों में राज्य सरकार से हर साल सबसे ज्यादा रकम मिलती है।

भास्कर को 2020-21 में 18 करोड़, 2018-19 में 25 करोड़ मिले

कोरोना काल में भी दैनिक भास्कर को प्रदेश सरकार से 2020-21 में 1800.85 लाख यानी 18 करोड़ 85 हजार रुपए मिले। इससे पहले यानी वित्तीय वर्ष 2019-20 में भास्कर को सरकारी खजाने से 1189.62 लाख यानी 11 करोड़ 89 लाख रुपए की आमदनी हुई। प्रदेश में कोरोना के संकट से पहले 2018-19 में भास्कर को सरकार से 2516.57 लाख यानी 25 करोड़ 16 लाख 57 हजार रुपए की आय हुई।

पत्रिका को 2020-21 में 15 करोड़, 2018-19 में 22 करोड़ मिले

दैनिक भास्कर के बाद नजर डालते हैं पत्रिका अखबार को मिलने वाली राशि पर। हिंदी के अखबारों में दैनिक भास्कर के बाद सरकार से कमाई के मामले में पत्रिका दूसरे नंबर पर है। 2020-21 में पत्रिका को सरकार से 1572.36 लाख यानी 15 करोड़ 72 लाख 36 हजार रुपए मिले। इससे पहले 2019-20 में पत्रिका को विज्ञापन के नाम पर सरकार से 917.59 लाख रुपए यानी 9 करोड़ 17 लाख रुपए की आय हुई। प्रदेश में कोरोना संकट से पहले इस अखबार को 2018-19 में सरकारी खजाने से 2250.73 लाख यानी 22 करोड़ 50 लाख 73 हजार रुपए मिले थे।

नई दुनिया को 2020-21 में 8 करोड़, 2018-19 में 13 करोड़ मिले

पत्रिका के बाद अब हम नजर डालते हैं तीसरे अखबार नई दुनिया को सरकार से मिलने वाली राशि पर। इंदौर में नई दुनिया और भोपाल से नवदुनिया के नाम से प्रकाशित होने वाले इस न्यूज पेपर को 2020-21 में 821.35 लाख यानी 8 करोड़ 21 लाख 35 हजार रुपए मिले। इससे पहले फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में इस अखबार को 803.83 लाख यानी 8 करोड़ रुपए की आय हुई। जबकि कोरोना संकट से पूर्व 2018-19 में नई दुनिया एवं नवदुनिया अखबार को प्रदेश सरकार से 1321.96 यानी 13 करोड़ 21 लाख 96 हजार रुपए हासिल हुए।

दैनिक जागरण को 2020-21 में 1.80 करोड़, 2018-19 में 3.16 करोड़ रु. मिले

नई दुनिया और नवदुनिया के बाद अब बात दैनिक जागरण, भोपाल की। इस अखबार को 2020-21 में प्रदेश सरकार से 180.63 लाख यानी 1 करोड़ 80 लाख रुपए मिले। इससे पहले 2019-20 में इस हिंदी न्यूज पेपर को 145.43 लाख यानी 1 करोड़ 45 लाख रुपए हासिल हुए। दैनिक जागरण को 2018-19 में प्रदेश सरकार से 316.63 लाख यानी 3 करोड़ 16 लाख रुपए मिले।

TOI को 2020-21 में 6.53 करोड़, 2018-19 में 5.55 करोड़ रु. मिले

हिंदी अखबारों के बाद अब नजर डालते हैं अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाले बड़े न्यूज पेपर्स को प्रदेश सरकार से हर साल मिलने वाली राशि पर। पहले बात भोपाल से प्रकाशित टाइम्स आफ इंडिया (TOI) की। टाइम्स को 2020-21 में 653.95 लाख यानी 6 करोड़ 53 लाख रुपए मिले। इससे पहले के फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में इस न्यूज पेपर को सरकारी खजाने से 358.54 लाख यानी 3 करोड़ 58 लाख 54 हजार रुपए हासिल हुए। कोरोना संकट से पहले की स्थिति में सरकार की ओर से टाइम्स आफ इंडिया को 555.99 लाख यानी 5 करोड़ 55 लाख 99 हजार रुपए की राशि का भुगतान किया गया।

HT को 2020-21 में 2.62 करोड़, 2018-19 में 2.12 करोड़ रु. मिले

अंग्रेजी के दूसरे बड़े अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को 2020-21 में प्रदेश सरकार से 262.50 लाख यानी 2 करोड़ 62 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान हुआ। इससे पहले 2019-20 में इस अखबार को 145.94 लाख यानी 1 करोड़ 45 लाख रुपए मिले। प्रदेश में कोरोना संकट से पहले हिंदुस्तान टाइम्स को प्रदेश सरकार से वर्ष 2018-19 में 212.58 लाख यानी 2 करोड़ 12 लाख 58 हजार रुपए का भुगतान मिला है।

विधानसभा उपचुनाव के समय बढ़ा अखबारों का भुगतान

गौर करने वाली बात यह भी है कि वर्ष 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में सभी अखबारों को प्रदेश सरकार से कहीं ज्यादा रकम मिली। अब इसे संयोग माना जाए या सुविचारित रणनीति का हिस्सा, यह प्रदेश में छिड़े सत्ता संग्राम का वही बेहद अहम साल था, जब मध्यप्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर उपचुनाव का बिगुल बज गया था और इसके लिए 3 नवंबर 2020 को वोटिंग होनी थी। हम आपको सिर्फ और सिर्फ वही तथ्य बता रहे हैं जो द सूत्र को जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी पर आधारित हैं...

न्यूज-18 न्यूज चैनल को 2020-21 में 5.87 करोड़, 2018-19 में 6.60 करोड़ रु. मिले

सरकार से न्यूज कंटेंट और विज्ञापन के लिए हर साल मोटी रकम लेने वालों में सिर्फ अखबार ही नहीं, बल्कि टीवी न्यूज चैनल भी शामिल हैं। इनमें पहले नंबर पर है टीवी चैनल न्यूज-18। इस न्यूज चैनल को 2020-21 में सरकार से 587.44 लाख यानी 5 करोड़ 87 लाख 44 हजार रुपए का भुगतान मिला। इससे पहले 2019-20 में 648.57 लाख यानी 6 करोड़ 48 लाख 57 हजार रुपए मिले। कोरोना आपदा से पहले फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में न्यूज-18 चैनल को सरकारी खजाने से 660.29 लाख रुपए यानी 6 करोड़ 60 लाख 29 हजार रुपए का भुगतान किया गया।

जी न्यूज को 2020-21 में 4.22 करोड़, 2018-19 में 9.12 करोड़ रु. मिले

न्यूज-18 के बाद दूसरे नंबर पर है जी न्यूज। इस न्यूज चैनल को 2020-21 में शिवराज सिंह सरकार से 422.39 लाख यानी 4 करोड़ 22 लाख 39 हजार रुपए मिले। इससे पहले 2019-20 में 670.29 लाख यानी 6 करोड़ 70 लाख 29 हजार रुपए का भुगतान हुआ। प्रदेश में कोरोना आपदा से पहले फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में जी न्यूज को सरकार से 912.76 लाख यानी 9 करोड़ 12 लाख 76 हजार रुपए मिले।

IBC चैनल को 2020-21 में 4.08 करोड़, 2018-19 में 11.12 करोड़ रु. मिले

न्यूज चैनलों को सरकार से मिलने वाली रकम के मामले में आईबीसी (IBC) तीसरे नंबर पर है। इस चैनल को 2020-21 में सरकार से 408.50 लाख यानी 4 करोड़ 8 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान हुआ। इससे पहले 2019-20 में 954.45 लाख यानी 9 करोड़ 54 लाख 45 हजार रुपए मिले। कोरोना आपदा से पहले फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में आईबीसी न्यूज चैनल को सरकारी खजाने से सबसे ज्यादा 1112.47 लाख रुपए यानी 11 करोड़ 12 लाख 47 हजार रुपए का भुगतान मिला।

बंसल न्यूज चैनल को 2020-21 में 4.41 करोड़, 2018-19 में 7.29 करोड़ रु. मिले

आईबीसी न्यूज चैनल के बाद नंबर आता है बंसल न्यूज का। इस चैनल को 2020-21 में सरकार से 441.58 लाख यानी 4 करोड़ 41 लाख 58 हजार रुपए मिले। इससे पहले 2019-20 में 499.29 लाख यानी 4 करोड़ 99 लाख 29 हजार रुपए का भुगतान हुआ। प्रदेश में कोरोना आपदा से पहले फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में बंसल न्यूज को सरकार से 729.93 लाख यानी 7 करोड़ 29 लाख 93 हजार रुपए मिले।

स्वराज न्यूज चैनल को 2020-21 में 70.80 लाख, 2018-19 में 14.01 रु. मिले

सरकार से मिलने वाले पैसे के मामले में स्वराज चैनल पांचवें नंबर पर है। इस न्यूज चैनल को 2020-21 में सरकार से 70.80 लाख यानी 70 लाख 80 हजार रुपए का भुगतान मिला। इससे पहले 2019-20 में 269.90 लाख यानी 2 करोड़ 69 लाख 90 हजार रुपए मिले। कोरोना आपदा से पहले फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में स्वराज न्यूज चैनल को सरकारी से 14.01 लाख रुपए यानी 14 लाख रुपए का भुगतान मिला था।

अनादि न्यूज चैनल को 2020-21 में मिले 2.33 करोड़, डीएनएन को 1.02 करोड़ रु.

न्यूज कंटेंट और विज्ञापन के लिए सरकार ने सैटेलाइट न्यूज चैनल के साथ कुछ केबल टीवी न्यूज चैनल को भी सालाना भुगतान किया है। इस कैटेगरी में अनादि न्यूज चैनल को 2020-21 में सरकार से 233.83 लाख यानी 2 करोड़ 33 लाख 83 हजार रुपए मिले। इससे पहले 2019-20 में 106.05 लाख यानी 1 करोड़ 6 लाख 5 हजार रुपए का भुगतान मिला। फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में अनादि न्यूज को सरकारी खजाने से 15.11 लाख यानी 15 लाख 11 हजार रुपए मिले। इसी तरह एक अन्य केबल टीवी न्यूज चैनल डीएनएन को 2020-21 में 102.95 लाख यानी 1 करोड़ 2 लाख 95 हजार रुपए मिले। इससे पहले 2019-20 में 123.75 लाख यानी 1 करोड़ 23 लाख 75 हजार रुपए का भुगतान मिला। इससे पूर्व 2018-19 में डीएनएन न्यूज को सरकारी से 154.85 लाख यानी 1 करोड़ 54 लाख 85 हजार रुपए का भुगतान हुआ।

द सूत्र - सरकार पर आश्रित नहीं, समाज पोषित है

हम आपको सिर्फ यही बताना चाहते हैं कि प्रदेश से प्रकाशित होने वाले अखबारों और टीवी न्यूज चैनल्स के विपरीत हमारे डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म- द सूत्र- ने सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं लेने का फैसला किया है। ऐसा करने की वजह सरकार के दबाव से मुक्त होकर विश्वसनीय और निष्पक्ष पत्रकारिता करना है। इस उद्देश्य के लिए यह मीडिया प्लेटफार्म सरकार पर आश्रित रहने के बजाय समाज पोषित होगा। यानी इसके संचालन के लिए जरूरी पैसा क्राउड फंडिंग से जुटाया जाएगा।

जब लेंगे नहीं तो डरेंगे नहीं